Frequently Asked Questions
Answer all of your questions regarding Stenography
Answer in Hindi
ज्यादातर सरकारी संस्थानों में आशुलिपि का एक वर्ष का सर्टिफिकेट कोर्स होता है। किन्तु आशुलिपिक परीक्षा की तैयारी के लिए आप किसी भी निजी संस्थान से 5 से 6 माह में आशुलिपि सीख सकते हैं। स्टेनोगुरु द्वारा भी जल्द ही ऑनलाइन आशुलिपि लर्निंग कोर्स शुरू किया जा रहा है।
आपको कम से कम 60 शब्द प्रति मिनट की गति से डिक्टेशन लिखने का अभ्यास करना चाहिए। इसके बाद लिखने की गति को धीरे-धीरे बढ़ाना चाहिए।
यदि आप ऑफिस क्लर्क एवं टाइपिस्ट परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं और आपकी टाइपिंग स्पीड अच्छी है तो स्टेनोग्राफी सीखकर आप नौकरी का स्तर एवं अवसर दोनों बढ़ा सकते हैं। स्टेनोग्राफी सीखने से आपके पास नौकरी प्राप्त करने का एक अतिरिक्त अवसर होगा। एसएससी CHSL की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को तो शॉर्टहैंड जरूर सीखनी चाहिए।
अधिकांश स्टेनोग्राफर परीक्षाओं में (जैसे- एसएससी, राज्य सचिवालय, हाई कोर्ट आदि ) शॉर्टहैंड मात्र स्किल टेस्ट होता है। जो शॉर्टहैंड स्पीड के माध्यम से पास करना होता है। इसमें सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं होती। विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी माध्यम से शॉर्टहैंड सीखने का सर्टिफिकेट कोर्स भी होता है। लेकिन स्टेनोग्राफर्स परीक्षा में लर्निंग सर्टिफिकेट आपकी योग्यता को पूरा नहीं करता क्योंकि इसके लिए आपके पास एक निश्चित गति से आशुलिपि में लिखने का स्किल होना चाहिए। यदि आप आशुलिपिक अध्यापक के लिए आवेदन करते हैं, तो उस स्थिति में आपको सर्टिफिकेट की आवश्यकता हो सकती है।
स्टेनोगुरु द्वारा 6 माह का ऑनलाइन शॉर्टहैंड लर्निंग कोर्स जल्दी ही शुरू किया जायेगा। निश्चितरूप से यह एक सर्टिफिकेट कोर्स होगा।
आशुलिपि एक छोटा और सीमित विषय है, जो बहुत आसान और रुचिकर भी है। आप यदि आशुलिपि सीखना प्रारम्भ करेंगे तो आपके सीखने की उत्सुकता बढ़ती जाएगी और यह आपको बहुत आसान लगने लगेगा।
आप जिस भी भाषा में आशुलिपि सीखना चाहते हैं। उस भाषा का ज्ञान और विशेषकर व्याकरण का ज्ञान होना बहुत जरुरी है। भाषा का ज्ञान और उस भाषा की शब्दावलियों का भंडार ही आपको कुशल आशुलिपिक बना सकता है। ऐसे अभ्यर्थी जिनको भाषा का अच्छा ज्ञान है वह लिखी गयी रेखाओं को आसानी से पहचान लेते हैं, जबकि भाषा का ज्ञान न होने पर अभ्यर्थी ने यदि आशुलिपि में शब्द या वाक्यांश को पहचान भी लिया है, तो उसे मूल भाषा में गलत टाइप कर सकता है। इसलिए कुशल आशुलिपिक को हमेशा मूल भाषा की शब्दावलियों का भंडार बढ़ाते रहना चाहिए।
प्रतिदिन नियमित 4 से 5 डिक्टेशन का अभ्यास करने व आशुलेखन गति बढ़ाने के लिए बताये गए तरीकों के द्वारा 2 माह में आशुलिपि गति निश्चत रूप से 80 शब्द प्रति मिनट हो सकती है। इस दौरान आशुलेखन में वाक्यांशों का समावेश भी बढ़ाते रहें।
80 शब्द प्रति मिनट गति के डिक्टेशन की अच्छी तैयारी करने के उपरांत आपको 85 शब्द प्रति मिनट एवं 90 शब्द पर मिनट की गति के डिक्टेशन से भी तैयारी करनी चाहिए, ताकि परीक्षा के दिन 80 शब्द प्रति मिनट की गति से बोले जाने वाले डिक्टेशन को आसानी से लिख सकें। क्योंकि परीक्षा के दौरान अभ्यर्थी पर परीक्षा पास करने का मानसिक दबाव होता है, जिसकी वजह से वह परीक्षा में अच्छी गति से डिक्टेशन नहीं लिख सकता। इसके अलावा परीक्षा में अनभिज्ञ शब्दों को भी आसानी से लिख सकेंगे।
डिक्टेशन का अनुवाद करना डिक्टेशन लिखने से भी कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि डिक्टेशन लिखने का मकसद तब तक पूरा नहीं होता जब तक कि उसका अनुवाद न किया जाए। शॉर्टहैंड में लिखे गए डिक्टेशन का अनुवाद यदि तुरंत न किया जाए तो बाद में अभ्यर्थी उसे स्वयं भी नहीं पढ़ सकता। साथ ही शॉर्टहैंड का तुरंत अनुवाद न करने से अभ्यर्थी अपनी अशुद्धियों का आंकलन भी नहीं कर सकता। इसलिए नियमानुसार शॉर्टहैंड में लिखे गए गद्यांश का तुरंत अनुवाद कर देना चाहिए। परीक्षा की तैयारी के लिए भी इसी प्रक्रिया को अपनाना चाहिए।
यदि आपकी आशुलेखन की गति 80 शब्द प्रति मिनट है और उसके बाद आप 100 शब्द प्रति मिनट की गति का अभ्यास करते हैं, तो इससे आपकी वास्तविक गति भी प्रभावित हो सकती है जिस प्रकार गाड़ी यदि प्रथम गियर में चल रही हो और उसके बाद चौथा गियर लगा दें तो गाड़ी चलने की वजाय रुक जाएगी। इससे आपके लेखन की सुंदरता भी ख़राब हो सकती है। उच्च गति में लिखने पर शब्दों के छूटने की आशंका भी बहुत ज्यादा होती है। इसलिए गति बढ़ाने का अभ्यास कम अंतर की गति वाले डिक्टेशन से शुरू करना चाहिए। जैसे पहले ८५ शब्द प्रति मिनट उसके बाद ९० शब्द प्रति मिनट। इस प्रक्रिया से आशुलेखन गति आसानी से बढ़ायी जा सकती है। Stenoguru वेबसाइट में इसी प्रकार से डिक्टेशन कोर्स तैयार किये गए हैं।
डिक्टेशन लिखने के तुरंत बाद शॉर्टहैंड में लिखे गए डिक्टेशन का अनुवाद कर लेना चाहिए। क्योंकि डिक्टेशन से जुडी शब्दावली कुछ समय तक हमारे दिमाग में रहती है। जिससे आशुलिपि में लिखे पैराग्राफ को अनुवाद करने में आसानी होती है। कुछ समय के पश्चात् शॉर्टहैंड लिखने वाला व्यक्ति भी स्वयं उसे ठीक से नहीं पढ़ पाता। ऐसी स्थिति में आशुलिपि का अनुवाद करना असंभव तो नहीं लेकिन मुश्किल जरूर हो जाता है।
डिक्टेशन लिखते समय बहुत संतुलित होकर दिमाग को विचलित किये बिना ध्यान से डिक्टेशन सुनना चाहिए। आपके शब्द इसलिए छूट जाते हैं कि कुछ शब्दों अथवा वाक्यांशों को लिखने में आप जरुरत से ज्यादा समय लगा रहे हैं। इसलिए ऐसे शब्दों का चयन करें और उनको लिखने का बार-बार अभ्यास करें। हो सके तो ऐसे शब्दों को और छोटा करने का प्रयास करें। जब आपका हाथ उन शब्दों को लिखने में अच्छी तरह पारंगत हो जाय, उसके बाद दोबारा उसी डिक्टेशन को लिखें। आपको निश्चत रूप से पहले की अपेक्षा डिक्टेशन लिखने में आसानी होगी और शब्द भी नहीं छूटेंगे।
डिक्टेशन में शब्दावली के बदल जाने पर यह स्वाभाविक है। इसके लिए विविध शब्दावली के डिक्टेशन से अभ्यास करना चाहिए। इसके अलावा रोजाना डिक्टेशन लिखना शुरू करें। ऐसा ज्यादातर तब होता है, जब डिक्टेशन नियमित रूप से नहीं लिखे जाते। परीक्षा की तैयारी के लिए रोजाना कम से कम २ डिक्टेशन लिखें व उनका अनुवाद करें।
आप अपनी वास्तविक गति से अधिक गति पर डिक्टेशन लिखते हैं, जिसकी वजह से शब्दों को ठीक तरह से नहीं लिख पाते और उनको पहचानने में मुश्किल होती हैं। आपको इससे कम गति के डिक्टेशन को लिखने का प्रयास करना चाहिए। नियमित अभ्यास से आप शब्दों को आसानी से पहचानने लगेंगे।
शॉर्टहैंड सीखने के नियम होते हैं किन्तु परीक्षा में नियमानुसार लिखने की बाध्यता नहीं। एक कुशल आशुलिपिक अपनी लेखनी के लिए स्वयं नियम बनाता है। हिंदी आशुलिपि में अलग-अलग प्रणाली में लिखने के तरीके भी अलग-अलग होते हैं। आपका अनुवाद त्रुटिविहीन होना चाहिए, चाहे शॉर्टहैंड में आपने उसे कैसे भी लिखा हो। परीक्षा में सिर्फ यह देखा जाता है कि आपने शॉर्टहैंड लिखी है या नहीं ? आपने क्या लिखा यह कभी चेक नहीं होता और नहीं कोई कर सकता है। शॉर्टहैंड सीखने के दौरान आपको यह जरूर बताया जाता है कि शॉर्टहैंड लिखने के नियम क्या और कैसे हैं। उन्ही सिद्धांतो के आधार पर आशुलिपिक अपनी सुविधानुसार लिखता है।
आपको छोटे-छोटे डिक्टेशन पर अधिक अभ्यास की जरुरत है। डिक्टेशन का साइज धीरे-धीरे बड़ा करें। प्रारम्भ में जब डिक्टेशन लिखते हैं तो यह समस्या हो सकती है। इसके अलावा यदि बहुत दिनों के बाद डिक्टेशन लिखेंगे तो इस प्रकार की समस्या होती है। इसलिए नियमित डिक्टेशन लिखने का अभ्यास करना चाहिए।
नियमित रूप से डिक्टेशन का अभ्यास करना चाहिए और लिखे गए डिक्टेशन को आधा घंटे के अंदर अनुवाद कर देना चाहिए। हमेशा ऐसी गति के डिक्टेशन का चयन करें जिसको आप आसानी से लिख सकें। लिखे गए डिक्टेशन में अशुद्धियों और छूट गए शब्दों को लिखने का अलग से अभ्यास करें। इसके अलावा जो लंबे शब्द हैं या जिनको लिखने में आपको कठिनाई हो रही हो, उनको अलग से लिखने का अभ्यास करें। इसके पश्चात उसी डिक्टेशन को उसी गति में दोबारा लिखें। आप देखेंगे की पहली बार लिखे गए डिक्टेशन की अपेक्षा दूसरी बार आप अच्छी गति से लिख सकेंगे। इसी प्रक्रिया को दोहराते रहें, सुनिश्चित करें कि आप उस गति से कोई भी नया श्रुतलेख आसानी से लिख सकते हैं।
Answer in English
Most of the government institutes offer one year certificate course in stenography. But for the preparation of stenographer exam, you can learn stenography from any private institute in 5 to 6 months. Stenoguru is also launching online shorthand learning course soon.
You should practice writing dictation at a speed of at least 60 words per minute. After that the writing speed should be increased gradually.
If you are preparing for office clerk and typist exam and your typing speed is good, then by learning stenography, you can increase both job level and opportunity. By learning stenography you will have an additional opportunity to get a job. Candidates preparing for SSC CHSL must learn shorthand.
Most of the stenographer exams (like SSC, State Secretariat, High Court etc.) have shorthand only skill test. Which you have to pass through shorthand speed. It does not require a certificate. There are also certificate courses to learn shorthand through various government and non-government institutions. But the Learning Certificate in Stenographers exam does not fulfill your eligibility because for this you must have the skill to write in stenography at a certain speed. If you apply for a stenographer teacher, in that case you may need a certificate.
6 months online shorthand learning course will be started soon by Stenoguru. It will definitely be a certificate course.
Shorthand is a small subject, which is also very easy and interesting. If you start learning shorthand then your curiosity to learn will increase and you will find it very easy.
In whatever language you want to learn shorthand. Knowledge of that language and especially grammar is very important. Knowledge of the language and the stock of vocabularies of that language can make you a skilled stenographer. Such candidates who have good knowledge of the language can easily recognize the written lines of shorthand, whereas if the candidate does not know the language, even if he has recognized the word or phrase in the shorthand, then it can be mistyped in the native language. Therefore, a skilled stenographer should always keep on increasing the vocabulary of the native language.
By practicing regular 4 to 5 dictation daily and by the above mentioned methods to increase the shorthand speed, the shorthand speed can definitely be 80 words per minute in 2 months. During this, keep increasing the inclusion of phrases in shorthand writing.
After preparing well for 80 words per minute dictation speed, you should prepare with 85 words per minute and 90 words per minute speed dictation, so that the dictation spoken at the speed of 80 words per minute on the day of the exam can be easily prepared. be able to write Because during the exam there is mental pressure on the candidate to clear the exam, due to which he can not write dictation in good speed in the exam. Apart from this, you will also be able to write unfamiliar words easily in the exam.
Translating a dictation is more important than writing a dictation because the purpose of writing a dictation is not fulfilled until it is translated. Therefore, as a rule, a passage written in shorthand should be translated immediately. The same procedure should be followed for exam preparation also.
If your shorthand speed is 80 words per minute and after that you practice at the speed of 100 words per minute, then it may affect your correct speed also. Just like if the car is running in first gear and after that put in fourth gear, then the car will stop instead of running. It can also spoil the beauty of your writing. There is a high probability of missing words when writing at high speed suddenly. So should start with dictation with low differential of speed. Like- first 85 words per minute and after that 90 words per minute. The shorthand speed can be easily increased by this process. Dictation courses have been prepared in the same way in Stenoguru website.
Dictation written in shorthand should be translated immediately after writing the dictation. Because the vocabulary related to dictation stays in our mind for some time. Which makes it easy to translate the paragraphs written in shorthand. After some time the person writing is unable to read it properly himself. In such a situation, it is not impossible to translate shorthand, but it becomes difficult.
While writing the dictation, be very balanced and listen carefully to the dictation without distracting the mind. Your words are missed because you are taking too much time to write some words or phrases. So choose such words and practice writing them again and again. If possible, try to shorten such words. When your hand is efficient in writing those words, then write the same dictation again. You will definitely write it easier to write dictation than before and you won't miss a word.
This is natural when the terminology changes in dictation. For this, you should practice with dictation of different vocabulary. Also start writing dictation daily. This mostly happens when dictations are not written regularly. Write and translate at least 2 dictations daily for exam preparation.
You write dictation at a speed faster than your actual speed, due to which words are not spelled properly and they are difficult to recognize. You should try to write the dictation at a lower speed. With regular practice, you will be able to recognize words easily.
There are rules for learning shorthand, there is no compulsion to write according to the rules in the exam. A skilled stenographer makes his own rules for his writing. The methods of writing in different systems in Hindi shorthand are also different. Your translation should be flawless. It doesn't matter how you wrote it. In the exam it is checked whether you have written shorthand or not? It doesn't matter what you wrote. While learning shorthand, you are definitely told what and how are the rules of writing shorthand. On the basis of the same principles, the stenographer writes according to his convenience.
You need more practice on small dictations. Increase the dictation size gradually. This problem can occur when writing dictation in the beginning. Apart from this, if you write the dictation after a long time, then this type of problem occurs. So one should practice writing dictation regularly.
Dictation should be practiced regularly and written dictation should be translated within half an hour. Always choose a dictation of a speed that you can write easily. Separately practice writing errors and missed words in written dictation. Apart from this, practice writing those long words or those which you are having difficulty in writing separately. Then rewrite the same dictation in the same speed. You will see that the second time you will be able to write at a better speed than the dictation you wrote the first time. Keep repeating this process, making sure that you can easily write any new dictation at that speed.